List Headline Image
Updated by Trimbakeshwar Temple Org on Oct 12, 2022
 REPORT
24 items   3 followers   2 votes   11 views

Trimbakeshwar

Trimbakeshwar jyotirlinga is one among 12 other jyotirlingas in india. Trimbakeshwar mahadev Temple known For puja's like narayan Nagbali puja, Kalsarp Dosh puja , Kumbh Vivah

Sarpa Samskara Puja And Ashlesha Bali Puja at Kukke Subramanya Temple

Ashlesha bali and Sarpa Samskara are two important sarp dosha pujas in Kukke Subramanya temple. Difference Between Sarp Dosh and Kalsarp dosh

त्र्यंबकेश्वर शिव ज्योतिर्लिंग मंदिर। त्र्यंबकेश्वर मंदिर ऑनलाइन पूजा बुकिंग।

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर संगठन का ऑनलाइन पोर्टल त्र्यंबकेश्वर मंदिर में होने वाले पुजा की जानकारी और ऑनलाइन पूजा बुकिंग प्रदान करता है।

त्र्यंबकेश्वर के नारायण नागबली पुजा के फायदे, विधि और उसका मूल्य

नारायण नागबली पूजा तथा नारायण बलि पूजा क्यों करनी चाहिए। नारायण नागबली पूजा विधि, लाभ,के बारेमें जानिए और पूजा बुकिंग के लिए संपर्क करे।

त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा के लाभ और मुल्य। त्र्यंबकेश्वर में त्रिपिंडी श्राद्ध का महत्व

क्यों करना चाहिए त्रिपिंडी श्राद्ध? त्र्यंबकेश्वर में त्रिपिंडी श्राद्ध अनुष्ठान करने से हर असंतुष्ट आत्मा को मोक्ष मिलता है । त्र्यंबकेश्वर में त्रिपिंडी श्राद्ध अनुष्ठान करने के लिए हमसे संपर्क करें।

काल सर्प दोष निवारण पूजा विधि, तिथियां,और लाभ। Trimbakeshwar.org

जब कुंडली में ग्रहो (राहु और केतु ) की स्थिति बदल जाती है तब कालसर्प दोष की संभवना बढ़ जाती है। त्रिम्बकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा बुकिंग के लिए संपर्क करे।

कुंभ विवाह पूजा विधि, तिथियां, खर्चा और लाभ | मंगल दोष निवारण।

क्यों करना चाहिए कुंभ विवाह? कुंभ विवाह पूजा मंगल दोष निवारण करने के लिए किया जाने वाला एक विवाह अनुष्ठान है। कुंभ विवाह सबसे प्रभावी मांगलिक विवाह उपायों में से एक है।

Mahamrityunjay Mantra Jaap | महामृत्युंजय मंत्र के फायदे और विधि |

महामृत्युंजय मंत्र जाप की विधि क्या है? महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या है? जानिए त्रिम्बकेश्वर में महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे और उसका महत्व।

त्रिम्बकेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक करने से होने वाले लाभ और फायदे।

रूद्र अभिषेक यह भगवान शिव को समर्पित धार्मिक अनुष्ठान है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर में अनुष्ठान करना पूजा को अधिक पवित्र बना देता है। पूजा बुकिंग के लिए संपर्क करे।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर ऑनलाइन दर्शन व पूजा बुकिंग | त्र्यंबकेश्वर मंदिर माहिती

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर संघटना चे ऑनलाइन पोर्टल आहे जे त्रिम्बकेश्वर मंदिरात करावयाच्या पुजेची माहिती आणि त्र्यंबकेश्वर मंदिरात ऑनलाइन पूजा बुकिंग सेवा प्रदान करते

त्र्यंबकेश्वर मध्ये नारायण नागबळी पुजेचे फायदे | नारायण नागबळी का करावी ?

नारायण नागबली पूजा आणि नारायण बळी पूजा का करावी? त्र्यंबकेश्वर येथे होणाऱ्या नारायण नागबली पूजेचे महत्व व कार्यपद्धती, पूजा बुकिंगसाठी संपर्क साधा

Different Types Of Rudraksha & Benefits of Wearing Rudraksha.

Rudraksha is the dry seeds of trees, called a TEAR OF SHIVA. There are many types of Rudraksha available and their benefits According To types. Visit Trimbakeshwar shiva Temple website

Mahashivratri in 2022 -Date & Muhurt |Trimbakeshwar.org

Every year, Mahashivratri is celebrated as festival in India. This festival is celebrated on the Chaturdashi of Krishna Paksha in the month of Magh.

Saint Nivruttinath Maharaj Samadhi Temple, Trimbakeshwar

Saint Shri Nivruttinath Maharaj is the first promoter of the Warkari sect. Therefore, Trimbakeshwar is considered the first seat of the Warkari sect.

बसंत पंचमी २०२२- तिथि और मुहूर्त। देवी सरस्वती पूजन।

वसंत पंचमी वास्तव में हिंदू शास्त्रों के अनुसार ऋषि पंचमी द्वारा प्रलेखित है, यह वसंत के आगमन की तैयारी को दर्शाता है। होली के त्यौहार की तैयारी की शुरुआत, जो वास्तव में 40 दिन बाद आती है और फल और सब्जियों के पकने का प्रतीक है।

Shree Swami Samarth Gurupeeth Trimbakeshwar - Dindori Pranit

Akhil Bhartiya Shree Swami Samarth Gurupeeth Trimbkeshwar- Dindori Pranit is situated on Bramhgiri Foothill.it s an admirable place to witness .An Ayurvedic expert is also available to share his proficiency

भारत में नागर शैली के मंदिर | Nagara Style temples in hindi

मंदिर वास्तुकला की नागर शैली जो उत्तर भारत में लोकप्रिय हो गई,| Nagara style temples in hindi नागर शैली के मंदिर Nagara style temple architecture

Somnath Temple, Gujarat-The First Jyotirlinga in World

Somnath temple is a sacred place for Hindus. It is located in Veraval, Gujarat, India. The origin of this Linga is unknown to the world, and it is considered roughly between the first millennium to the ninth century. A well-structured temple that attracts devotees worldwide was completed in 1951. It has seen many reconstructions to maintain and help devotees enjoy their pilgrimage to the holy temple

Website at https://www.trimbakeshwar.org/articles/harihar-fort-trekking-hindi

यह एक किला है जो महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी से 48 किमी दूर स्थित है।यह नासिक का एक महत्वपूर्ण किला है क्योंकि यह त्र्यंबकेश्वर श्रेणी में स्थित है, समुद्र तल से 3676 फीट की ऊंचाई पर है।यह अपने अजीबोगरीब रॉक-कट चरणों के कारण कई आगंतुकों को प्राप्त करता है।किले के दो गाँव हैं निर्गुड़पाड़ा और हर्षेवाड़ी नीचे स्थित हैं .निर्गुड़पाड़ा की तुलना में हर्षेवाड़ी की चढ़ाई अधिक आसान है

Website at https://www.trimbakeshwar.org/articles/story-of-ganga-trimbakeshwar

शिवजी के जटाओंमें गंगाजी कैसे प्रस्थापित हुई इसके बारे मे एक रोचक कथा पुराणों में दी गयी है। जब शिव जी और माँ पार्वती का विवाह संपन्न हो रहा था ,उस विवाह में सभी देव देवता गण उपस्तिथ थे। उस विवाह के समय ब्रम्हाजी वहा मौजूद थे ,और माता पार्वती का रूप देखकर उनको मोह हुआ। उस कारन से वो अति लज्जित हुए और वहासे निकल गए

कुशेश्वर महादेव, कुशावर्त तीर्थ , त्र्यंबकेश्वर। Trimbakeshwar.org

कुशेश्वर महादेव कुशावर्त तीर्थ के मुख्य देवता है.ये त्र्यंबकेश्वर के कुशावर्त कुंड के पास स्तिथ है।

शेषशायी भगवान विष्णु ,कुशावर्त तीर्थ, त्र्यंबकेश्वर। Trimbakeshwar.org

कुशावर्त तीर्थ के ऊपर,नैऋत्य कोने में स्तिथ शेषशायी भगवान विष्णु की मूर्ति स्तिथ है। शेषशायी इन्हे इसलिए कहा गया है की उनके मूर्ति के निचे पूरी तरहे से शेष (शेषनाग ) है

Chintamani Ganesh of Trimbakeshwar | चिंतामणी गणेश

चिंतामणी गणेश कुशवर्त तीर्थ के ऊपर विराजमान है.जब चिंतामणि गणेश जी को कुशावर्त तीर्थ में रखा जाता है तब ८ दिन के अंदर बारिश आना चालू होता है।

Pitru Paksha 2023 Dates at Trimbakeshwar | पितृ पक्ष मुहूर्त विधी

What is Pitru Paksha? When will Pitra Paksh start, in 2023? Forgot to worship your ancestors! Pitru Dosha occurs due to the consumption of following things.