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Updated by Manish Acharya on Apr 21, 2021
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Bharat ka Itihas

Here are some hidden facts about indian history. You can find every truth of indian history.

क्यों लाल किले के निर्माता से उसके परिवार का कोई सदस्य प्रेम नहीं करता था?

शाहजहां के अपने अमीर-उमरावों और सेनानायकों के परिवारों के कारण क्या उसके अपने परिवार का कोई सदस्य प्रेम नहीं करता था

2. मुगल शहजादियां लाल किले की दीवारों से बाहर अफवाहें फैलाने लगीं - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का...

अकबर के समय से ही मुगल दरबार एवं हरम की गुटबंदी मुगल सल्तनत की राजनीति में दखल करती आई थी। जहाँगीर के समय में यह गुटबंदी और बढ़ गई थी। जब अय्याश शाहजहां अपने हरम को लाल किले में ले आया तो लाल किले की रंगीनियों ने हरम की औरतों को और भी उन्मुक्त कर दिया।

119. पागलों की तरह दहाड़ें मार कर रोता था अल्लाउद्दीन खिलजी! - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

अल्लाउद्दीन खिलजी का जन्म ई.1266 में हुआ था। तीस साल की आयु में अर्थात् ई.1296 में वह सुल्तान बना था और ई.1316 तक वह शासन करता रहा किंतु उसके शासनकाल में ई.1312 से लेकर ई.1316 तक का समय प्रतिक्रिया का काल माना जाता है।

जानिए क्यों लाल किले के लिए एक दूसरे का कत्ल करने को झपटीं मुमताज महल की औलादें?

जब शाहजहां ने मुमताज महल के सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह को अपना वारिस बनाया तो मुमताज महल की बाकी औलादें लाल किला पाने के लिए एक दूसरे पर झपट पड़ीं ।

21. राजा पृथ्वीराज चौहान ने राजकुमारी संयोगिता का हरण कर लिया! - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

जब पृथ्वीराज चौहान ने बुंदेलखण्ड पर विजय प्राप्त की तो पृथ्वीराज के राज्य की सीमाएं कन्नौज के गाहड़वालों से जा लगीं। जैसे पश्चिम में मुसलमान प्रांतपति चौहानों के शत्रु थे, वैसे ही उत्तर में जम्मू का राजा, दक्षिण में चौलुक्य शासक, पूर्व में चंदेल और उत्तर-पूर्व में गहड़वाल चौहानों के शत्रु थे।

रजिया के गुण - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

तेरहवीं सदी के तुर्की भारत में रजिया सुल्तान किसी आश्चर्य से कम नहीं थी। उस युग में कोई स्त्री शायद ही सुल्तान होने जैसा दुस्साहस भरा जोखिम उठा सकती थी। वह युद्ध प्रिय थी तथा उसे शासन चलाने का अच्छा अनुभव था। सम्भवतः पिता की अंतिम इच्छा के कारण भी वह सुल्तान बनने की भावना से परिपूर्ण थी।

अध्याय - 5 भारत में लौह युगीन संस्कृति - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

भारत का इतिहास सदैव गौरवपूर्ण रहा है। इस इतिहास के पीछे अनेक कथाओं के साथ–साथ आंदोलन और संघर्ष की कहानी सुनने को मिलती है। आइए जानें भारतीय इतिहास की प्रमुख घटनाएं।

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सज्जनसिंह की पांचवी पीढ़ी में अग्रसेन नामक एक वीर पुरुष हुआ जिसके दो पुत्र- कर्णसिंह तथा शुभकृष्ण हुए।

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धरती का भूगोल एवं जलवायु, धरती पर जीव जगत का निवास संभव बनाते हैं। धरती का जन्म आग के गोले के रूप में हुआ जो धीरे-धीरे ठण्डा होता हुआ इतना ठण्डा हो गया कि उसमें जीव जगत का पनपना संभव हो गया। धरती पर मानव का पदार्पण एक लम्बी यात्रा है जो भू-पर्पटी के ठण्डे और पर्यावरण के गर्म होने के साथ-साथ आगे बढ़ी है।

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दुनिया में कुछ चीजें थीं जो न बदलने के लिए अभिशप्त थीं। उन्हीं में से एक था- औरंगजेब, शायद इसीलिए औरंगजेब की मृत्यु पर रोने वाला कोई नहीं था!