राजनीती में जाने के लिए कुंडली में राजनीतिक सफलता का योग होना अनिवार्य है। इसके लिए कुंडली में ग्रहों की अनुकूलता और योग को देखा जाता है। वैदिक ज्योतिष की दृष्टि से दशम भाव को राज्य सत्ता का स्थान कहा जाता है और इसी स्थान से राजयोग की विशिष्ट जानकारी भी ज्ञात की जा सकती है।
‘राजनीति’ दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है, एक ऐसा शासक जिसकी नीतियां व राजनैतिक गतिविधियां इतनी परिपक्व व सुदृढ़ हों, जिसके आधार पर वह अपनी जनता का प्रिय शासक बन सके और अपने कार्यक्षेत्र में सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करता हुआ उन्नति की चरम सीमा पर पर पहुंचे। राजनीति का मुख्य कारक ग्रह कूटनीतिज्ञ ‘राहु’’ है, जो कालसर्प योग के लिये तो जिम्मेदार है ही, साथ ही छलकपट भी करवाता है, इसकी महादशा में कई महापुरूषों जैसे- भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह आदि को राजनीति में उच्चपद प्राप्त करते देखा गया है। ... Read more: https://www.futurepointindia.com/article/hi/rajnitik-field-me-saphalta-pane-ke-kundli-yog-10360