उसके बाद से पूरा भारत वर्ष इस दिन रावण, कुंभकरण, मेघनाथ के पुतले को जलाता है और रामलीला की जाती है और इस दिन बुराई पर अच्छाई की विजय बताई जाती है इसलिए इसे विजयदशमी कहते हैं इस दिन बुराई का नाश हुआ था और अच्छाई की जीत हुई थी इसी खुशी मैं भारतवर्ष रावण का पुतला बनता है उसके पुतले को जलाया जाता है और उत्साह मनाया जाता है तथा मेले का आयोजन भी होता है लोग हंसी-खुशी यह त्यौहार बहुत ही उत्सुकता से मनाते हैं।