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Updated by Technical Vasu on Oct 07, 2019
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General knowledge

भारत का भूगोल ,भारत में प्रथम व्यक्ति, भारत में प्रथम महिला तथा राजस्थान के प्रथम व्यक्तित्व, राजस्थान का भूगोल एवं अन्य जनरल नॉलेज से संबंधित

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राजस्थान का भौगोलिक विस्तार

राजस्थान का भौगोलिक विस्तार

हमारे देश का एक अभिन्न अंग राजस्थान जो की भौगोलिक स्थिति एवं अपने क्षेत्रफल से संपूर्ण भारत देश में एक अलग ही स्थान रखता है जो अत्यंत महत्वपूर्ण एवं जानने योग्य हैं। राजस्थान का भौगोलिक विस्तार कुछ इस प्रकार है कि अरावली पर्वतमाला के कारण राजस्थान के दो भाग है। एक भाग उपजाऊ व अन्य भाग मरुस्थलीय है। राजस्थान पाकिस्तान से सटे होने के कारण भी चर्चा में है।

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राजस्थान के प्रमुख पर्वत पहाड़ियां व पठार

राजस्थान के प्रमुख पर्वत पहाड़ियां व पठार

[गुरुशिखर :-अरावली की पहाड़ियों में माउंट आबू सिरोही में स्थित राजस्थान की सबसे ऊंची पर्वत चोटी इसकी ऊंचाई 1722 मीटर है, किंतु कर्नल जेम्स टॉड की पुस्तक annals and antiquities of Rajasthan मैं इसकी ऊंचाई 1727 मीटर लिखी गई है ।यह हिमालय व पश्चिमी घाट की नीलगिरी के मध्य स्थित सर्वाधिक ऊंची चोटी है कर्नल टोड ने इसे संतों का शिखर कहा है

](https://alarmforstudy.blogspot.com/2019/10/Major-Mountains-and-Plateaus-of-Rajasthan.html?m=1)

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मानव शरीर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

मानव शरीर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

अस्थियों की कुल संख्या- 206 सबसे छोटी अस्थि- स्टेपिज ( मध्य कर्ण )में सबसे लंबी अस्थि - फीमर (जंघा में)मानव शरीर कशेरुकाओं की कुल संख्या - 33 पेशियों की कुल संख्या -639 सबसे लंबी पेशी - सारटोरियस बड़ी आंत्र की लंबाई -1.5 मीटर छोटी आंत्र की लंबाई -6.25 मीटर यकृत का भार पुरुष में- 1.4 - 1.8

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जंतु विज्ञान से संबंधित प्रमुख तथ्य

सबसे बड़ा स्तनी- नीली व्हेल सबसे बड़ा विशाल स्थलीय स्तनी- हाथी सबसे बड़ी अस्थि- फिमर सबसे बड़ा सर्प- अजगर सबसे बड़ी मछली- रिनोडॉन टाइपस सबसे बड़ा सीलेन्ट्रेट- साइनिया, जेलीफिश सबसे बड़ा अंडा- शुतुरमुर्ग का सबसे बड़ी शिरा- इनफीरियर वेना केवा सबसे बड़ा स्थलीय पक्षी- शुतुरमुर्ग

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भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध

भारतीय इतिहास के प्रमुख युद्ध

सिकंदर व पोरस - 326 ई.पू. वितस्ता / झेलम का युद्ध तराइन का प्रथम युद्ध- 1191 मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान तराइन का द्वितीय युद्ध- 1192 मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान चंदावर का युद्ध- 1194 मोहम्मद गोरी व राजा जयचंद पानीपत का प्रथम युद्ध- 1526 बाबर और इब्राहिम लोदी यह भी जाने मनुष्य में श्वसन खानवा का युद्ध- 1527 बाबर व राणा सांगा चंदेरी का युद्ध- 1528 बाबर व मेदिनीराय चौसा का युद्ध -1529 हुमायूं व शेरशाह सूरी घाघरा का युद्ध- 1539

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राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी प्रमुख नारे

राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन संबंधी प्रमुख नारे

बाल गंगाधर तिलक- "स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है" रामप्रसाद बिस्मिल -"सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है" इकबाल -"सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा" बंकिमचंद्र चटर्जी -"वंदे मातरम" महात्मा गांधी -"हमने घुटने टेक कर रोटी मांगी किंतु पत्थर मिले" रवींद्रनाथ टैगोर- "जन गण मन अधिनायक जय है" जवाहरलाल नेहरू- "हु लिव्स इफ इंडिया डाइज" भगत सिंह -"इंकलाब जिंदाबाद"

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भारत के प्रमुख वायसराय व उनके समय हुए प्रमुख परिवर्तन अथवा घटनाएं

भारत के प्रमुख वायसराय व उनके समय हुए प्रमुख परिवर्तन अथवा घटनाएं

लॉर्ड कैनिंग 1856 - 1862 ई. - अंतिम गवर्नर जनरल व प्रथम वायसराय 1857 का विद्रोह, ट्रेनों का विस्तार, कोलकाता, मुंबई और मद्रास विश्वविद्यालय की स्थापना(1857) भारत में बजट पद्धति का प्रारंभ तथा हाई कोर्टों की स्थापना । लॉर्ड लिटन 1876 -1884ई. - दिल्ली दरबार का आयोजन, महारानी विक्टोरिया को केसर -ए-हिंद की उपाधि । वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट तथा इंडियन आर्म्स एक्ट। लॉर्ड रिपन (1880-1884) - अफगान युद्ध की समाप्ति, इल्बर्ट बिल पर बहस, प्रेस की स्वतंत्रता ,प्रथम फैक्ट्री अधिनियम ,स्थानीय स्वशासन की शुरुआत ,जनगणना प्रणाली की स्थापना, स्कूली शिक्षा हेतु हण्टर आयोग की नियुक्ति ।

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First Person of Rajasthan

First Person of Rajasthan

राजस्थान में उच्च शिक्षा प्राप्त व कुछ महान हस्तियों ने इसे पद प्राप्त किए हैं जो कि उल्लेखनीय है उन्होंने वे पद राजस्थान में सर्वप्रथम प्राप्त किए हैं जिनकी वजह से वह राजस्थान के प्रथम व्यक्तित्व की गरिमा से सम्मानित हुए हैं। राजस्थान के प्रथम व एकमात्र महाराज प्रमुख :- महाराज भूपाल सिंह (उदयपुर) राजस्थान के प्रथम व एकमात्र राज्य प्रमुख:- महाराजा सवाई मानसिंह (जयपुर) राज्य के प्रथम राज्यपाल:- सरदार गुरुमुख निहाल सिंह राजस्थान के प्रमुख पर्वत पहाड़ियां व पठार । राज्य के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष :- नरोत्तम लाल जोशी राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री :- हीरालाल शास्त्री राज्य के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री :-टीकाराम पालीवाल

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नमक यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन

नमक यात्रा और सविनय अवज्ञा आंदोलन

देश को एकजुट करने के लिए महात्मा गांधी को नमक एक शक्तिशाली प्रत्येक दिखाई दिया । 31 जनवरी 1930 को उन्होंने वायसराय इरविन को एक खत लिखा खत में उन्होंने 11 मांगों का उल्लेख किया था । इनमें से कुछ सामान्य मांगे थी जबकि कुछ मांगे उद्योगपतियों से लेकर किसानों तक विभिन्न तबकों से जुड़ी थी । गांधीजी इन मांगों के जरिए समाज के सभी वर्गों को अपने साथ जोड़ना चाहते थे ताकि उनके अभियान में सभी लोग शामिल हो सके । इनमें सबसे महत्वपूर्ण मांग नमक कर को खत्म करने के बारे में थी नमक का अमीर-गरीब सभी इस्तेमाल करते थे। यह भोजन का एक अभिन्न हिस्सा था इसीलिए नमक पर कर और उसके उत्पादन पर सरकारी इजारेदारी को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया था।

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भारत में पाई जाने वाली वनस्पति I भारत में पाए जाने वाले वन

भारत में पाई जाने वाली वनस्पति I भारत में पाए जाने वाले वन

) -उष्णकटिबंधीय वर्षा वन - ये वन पश्चिमी घाटों के अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों लक्ष्यदीप अंडमान और निकोबार दीप समूह, असम के ऊपरी भागों तथा तमिलनाडु के तट तक सीमित है। ये उन क्षेत्रों में भली-भांति विकसित है जहां 200 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा के साथ एक थोड़े समय के लिए शुष्क ऋतु पाए जाते हैं । इन वनों में वृक्ष 60 मीटर या इससे अधिक ऊंचाई तक पहुंचते हैं क्योंकि ये क्षेत्र वर्ष भर गर्म तथा आर्द्र रहते हैं ,अतः यहां हर प्रकार की वनस्पति वृक्ष झाड़ियां वे लताएं उठती हैं और वनों में इनकी विभिन्न ऊंचाइयों से कई स्तर देखने को मिलते हैं ।

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जीवाणु

जीवाणु

जीवाणुओं के अन्य प्रचलित नाम जैसे माइक्रोब्स माइक्रोऑर्गेनिज्म वह germs, है ।किंतु सर्वाधिक प्रचलित एवं सर्वमान्य वैज्ञानिक नाम जीवाणु है ।यह शेवाल कवक तथा फफूंद तथा जंतु जगत के प्रोटोजोआ समुदाय के सदस्यों के साथ भी समानता प्रदर्शित करते हैं। जीवाणुओं को उद्विकास के क्रम में सबसे निम्न स्तर पर रखा गया है। जीवाणुओं के लक्षण- यह एक कोशिकीय होते हैं |इनमें जनन सरल अनुप्रस्थ विभाजन अर्थात विखंडन द्वारा होता है इनमें वास्तविक शाखाएं अनुपस्थित होती है ।जीवाणुओं में कोशिका भित्ति पाई जाती है इनमें केंद्रक झिल्ली एवं केंद्रिक नहीं पाई जाती ।अंत: प्रद्रव्यी जालिका, माइटोकॉन्ड्रिया ,लाइसोसोम, गॉल्जीकाय, हरित लवक ,तारक काय ,आदि कोशिकांग नहीं पाए जाते।

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