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Dussehra 2019 date in India
दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी ।
अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी ॥
वारी वारी जन्ममरणांतें वारी ।
हारी पडलो आता संकट निवारी ॥ 1 ॥
जय देवी जय देवी महिषासुरमर्दिनी ।
सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी ॥ धृ ॥
त्रिभुवनभुवनी पाहता तुजऐसी नाही ।
चारी श्रमले परंतु न बोलवे कांही ॥
साही विवाद करिता पडिले प्रवाही ।
ते तूं भक्तांलागी पावसि लवलाही॥ जय देवी…
प्रसन्नवदने प्रसन्न होसी निजदासा ।
क्लेशांपासुनि सोडवी तोडी भवपाशा ॥
अंबे तुजवांचून कोण पुरविल आशा ।
नरहरि तल्लीन झाला पदपंकजलेशा॥ जय देवी…
अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गावें भारती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
ओ अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गावें भारती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
तेरे भक्तजनो पर मैय्या
भीड़ पड़ी है भारी
भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो
माँ करके सिंह सवारी
करके सिंह सवारी
तेरे भक्तजनो पर मैय्या
भीड़ पड़ी है भारी
भीड़ पड़ी है भारी
दानव दल पर टूट पड़ो
माँ करके सिंह सवारी
करके सिंह सवारी
सौ-सौ सिहों से भी बलशाली
दस भुजाओं वाली
दुखियों के दुखड़े निवारती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
ओ अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गावें भारती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
माँ-बेटे का है इस जग मे
बड़ा ही निर्मल नाता
बड़ा ही निर्मल नाता
पूत-कपूत सुने है
पर ना माता सुनी कुमाता
ना माता सुनी कुमाता
माँ-बेटे का है इस जग मे
बड़ा ही निर्मल नाता
बड़ा ही निर्मल नाता
पूत-कपूत सुने है
पर ना माता सुनी कुमाता
ना माता सुनी कुमाता
सब पे करूणा दर्शाने वाली
सबको हरषाने वाली
नैया भंवर से उबारती
ओ मैया हम सब उतारे
तेरी आरती
ओ अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गावें भारती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
नहीं मांगते धन और दौलत
न चांदी न सोना
न चांदी न सोना
हम तो मांगें माँ तेरे चरणों में
छोटा सा कोना
इक छोटा सा कोना
नहीं मांगते धन और दौलत
न चांदी न सोना
न चांदी न सोना
हम तो मांगें माँ चरणों में
इक छोटा सा कोना
इक छोटा सा कोना
सबकी बिगड़ी बनाने वाली
लाज बचाने वाली
सतियों के सत को सवांरती
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती
ओ अम्बे तू है जगदम्बे काली
जय दुर्गे खप्पर वाली
तेरे ही गुण गावें भारती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
ओ मैया हम सब
उतारे तेरी आरती
दुर्गा जी की आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
नवरात्री 2019 – 29 सितंबर से 7 अक्टूबर 19
नारी शक्ति की प्रतिक माँ दुर्गा देवी का त्यौहार है नवरात्री। नौ दिन माँ के नौ अलग अलग अवतारों को पूजा जाता है। दुर्गा पूजा या नवरात्री हिन्दुंओं का एक बहुत ही बड़ा त्यौहार है और इस के दौरन सभी भक्त माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कई भक्त नवरात्री के दौरन सिर्फ़ जल और फलाहार ग्रहण करते हैं और अन्न को पुरी तरह से त्याग देते हैं, कुछ लोग पुरे नौ दिन नंगे पाँव रहते हैं और चप्पल, जूते कुछ भी धारण नहीं करते। भक्त पैदल माता दे दूर-दराज के मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं रात रात भर चल कर घण्टों लाइनों में खड़े हो कर मंदिरों में दर्शन प्राप्त करते हैं।
नवरात्री साल में दो बार आती है। आश्विन माह के दौरान शरद ऋतु की नवरात्रि को विशेष माना गया है। नवरात्री वर्ष के वसंत ऋतु और शरद ऋतु के आगमन का पर्व भी है। नवरात्री माँ की शक्ति जो ही पुरे ब्रहमांड की सृजनकर्ता है का नमन करने, उनका आशीर्वाद प्राप्त करने आशीर्वाद से लाभ प्राप्त करने का त्यौहार है।
नवरात्रि 2019
दुर्गा माँ के नौ अवतारों की नौ दिन तक पूजा जाता है। 15 सितंबर और 15 अक्टूबर के बीच आने वाली अमावस्या के दिन से नवरात्रि 2019 की शुरुवात होती है। यह भारत का एक बहुत ही महत्वपुर्ण त्यौहार है और पुरे भारतवर्ष में अनेकों प्रारूपों मनाया जाता है। पूर्वी एशिया में यह नौवें चन्द्र महीने के नौवें दिन के आसपास शुरू होता है।
नवरात्रि 2019 शरद ऋतु उत्सव का हिस्सा है जो कई नामों से जाना जाता है। चीन में यह त्यौहार को ‘नौ सम्राट भगवानों के त्यौहार’ के नाम से जाना जाता है।
भारत में भी नवरात्री उत्सव को मनाने के तरीकों में थोड़ी बहुत विविधता पाई जाती है किन्तु मुल रूप से यह एक कला उत्सव है और बुराई पर अच्छाई का उत्सव है। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में गरबा-डांडिया, रामलीला, गोलू और दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है।
हर गुप्त मनोकामना पूरी हो गुप्त नवरात्री को। गुप्त नवरात्री पर पूजा करने से हर संकट से मुक्ति मिलती है।धन, ऐश्वर्या, सुख और शांति मिलती है।
गुप्त नवरात्रि क्या हैं –
बहुत कम ही लोग गुप्त नवरात्री के बारे में जानते हैं। साल में चार नवरात्र होते हैं, पहली प्रकट चैती नवरात्रि, दूसरी प्रकट आश्विन नवरात्रि ये वो हैं जो सब को पता हैं। गुप्त नवरात्री को माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि बोलते हैं। गुप्त नवरात्री में दुर्गा माता की रत में गुप्त मतलब बिना किसी को बताय पूजा की जाती है। गुप्त पूजा में भक्त संकटों से मुक्ति, धन,ऐश्वर्या, सुख और शांति के लिए दुर्गा माता की पूजा करता है।
समस्त विघ्न बाधाओं को हरने और घर में मंगल कार्यो को संपन्न करने के रिद्धि- सिद्धि के संग गणपतिजी ( Ganpati ) का आगमन है। घूमते गणेश मंगलमूर्ति श्री गणेश की प्रेरणा से हमने एक कार्यक्रम तैयार किया है जिसमे विघ्नहर्ता श्री गणेश को
Navratri message for whatsapp in hindi
आप सभी को घुमतेगणेश की और से नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये | जैसा की साल में दो बार नवरात्रि मनाया जाता हैं| माँ दुर्गा की नवरात्रि में पूजा की जाती हैं| इस अवसर पर आप अपने प्रियजनों को नवरात्रि इमेजेज शायरी के साथ, नवरात्रि विशेष हिंदी और अंग्रेजी भाषा में सेंड कर सकते हैं| बहुत ही सुन्दर नवरात्रि मैसेज आपके लिए जिसे आप व्हाट्सप्प पे जरूर साँझा कीजिये
2019 Navratri
महादेव की पत्नी दुर्गा, आदि पराशक्ति, जगदाम्बा, महाकाली, भवानी ये सभी एक ही ईश्वरीय शक्ति को दिए गए अलग-अलग नाम हैं। सभी रूप ब्रह्मांड की शक्ति या ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्हें माँ का स्थान देते हैं।
माँ दुर्गा ही संपूर्ण ब्रह्मांड की माता हैं। क्यूंकि वास्तविक दुनिया में एक स्त्री का माँ रूप ही बच्चों को जन्म देता है और उनकी रक्षा करता है।
शिव को ब्रह्मांड कहा गया है और माँ को उनकी शक्ति। माँ दुर्गा के सभी रूप नारी शक्ति से अवगत करते हैं और उन्हें सबसे उच्चतम स्थान ‘सृष्टि रचयता’ अर्थार्थ ‘माँ’ के स्थान दिया गया है।
माँ का वाहन एक शेर है जो की असीमित शक्ति और असीमित इच्छाओं पर माँ के नियंत्रण को दर्शाता है।
नवरात्री के नौ दिनों के नौ रंग
9 days of navratri colours
पहला दिन – माता के शैलपुत्री रूप को समर्पित है। पर्वतों के राजा हिमवान की बेटी भवानी, पार्वती या हेमावती को ‘शैलपुत्री‘ भी कहा जाता है क्यूंकि “शैल” का अर्थ है पहाड़, “पुत्री” का अर्थ है बेटी। नवरात्री के पहले दिन का रंग है धूसर या ग्रे है।
दूसरा दिन – माता के ब्रह्माचारिणी रूप को समर्पित है। ब्रह्म’ का अर्थ होता है ‘तप’, अर्थार्त नवदुर्गा का दूसरा रूप तपस्या और अच्छे आचरण का पालन दर्शाता है। नवरात्री के दूसरे दिन का रंग है नारंगी है।
तीसरा दिन – माता के चंद्रघन्टा रूप को समर्पित है। इस रूप में दुर्गा माँ के माथे पर चंद्र या आधा चाँद जो की घंटी के आकर में है सुशोभित होता है। यह रूप जीवन में शांति और समृद्धि के प्रतिक मन गया है। और पूर्णमासी के चन्द्रमा के रंग सामान ही तीसरे दिन का रंग सफ़ेद है।
चौथा दिन – माता के कुष्मांडा रूप को समर्पित है। कु का अर्थ होता है थोड़ा , ऊष्मा का गर्मी और ब्रह्माण्ड शब्द से मांडा लिया गया है पुरे नाम का अर्थ होता है लौकिक ऊष्मा जो की ब्रह्माण्ड का निर्माण करती है। नवरात्री के चौथे दिन का रंग लाल है।
दुर्गा चालीसा का हिन्दी अनुवाद
दुर्गा चालीसा का नियमित पाठ करने से सांसारिक और व्यावहारिक जीवन में समृद्धि होती है।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥
निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥1॥
maa durga ke 9 roop name in hindi 2019
( Nav Durga )
जगदाम्बा, भवानी, काली, दुर्गा ये सभी स्त्री रूप में एक ही ईश्वरीय शक्ति को दिए गए अलग-अलग नाम हैं। सभी रूप ( maa durga ke 9 roop name in hindi 2019 )ब्रह्मांड की शक्ति या ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। साथ ही प्रकृति के माँ रूप को भी दर्शाते हैं।
महादेव की पत्नी माता पार्वती ने विभिन्न परिस्थितियों में इन रूपों को धारण किया और हर रूप के अनुसार उन्हें एक नाम दिया गया।
हर रूप को भक्त माँ शब्द लगा कर संबोधित करते हैं। माँ जगदाम्बा, माँ भवानी, माँ काली, दुर्गा माँ क्यूंकि वास्तविक दुनिया में एक स्त्री का माँ रूप ही बच्चों को जन्म देता है और उनकी रक्षा करता है। माँ दुर्गा ही संपूर्ण ब्रह्मांड की माता हैं।
शिव को ब्रह्मांड कहा गया है और माँ को उनकी शक्ति। माँ दुर्गा नारी शक्ति का प्रतिक हैं उनकी 8 भुजाएँ है जिनमे हर भुजा में एक अस्त्र है या कोई पवित्र वास्तु है। माँ का वाहन एक शेर है जो की असीमित शक्ति और असीमित इच्छाओं पर माँ के नियंत्रण को दर्शाता है।