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आज हम जानेंगे कि मेहंदीपुर बालाजी के प्रेतराज सरकार कौन है और श्री प्रेतराज सरकार जी की पूजा बालाजी महाराज से पहले क्यों की जाती है।
मेहंदीपुर के श्री बालाजी महाराज के चौदह जयकारे हैं जो मेहंदीपुर बालाजी दरबार मे भक्त लोग जय-जयकार और हनुमत भक्ति करते हैं।
Mehandipur Balaji History In Hindi|मेहंदीपुर बालाजी की कहानी – इस कलियुग में सभी प्राणियों के संकट हरने, सबका कल्याण करने पवन पुत्र हनुमान जी ने अनेक स्थानों में अवतार लिया। कहीं ये हनुमान जी, कहीं ये बजरंग बली, कहीं अंजनी पुत्र तो कहीं मारूति के नाम से पूजे जाते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी धाम (Mehandipur Balaji Dham) एक ऐसा पवित्र और सिद्ध पीठ धाम है जहां आकर भक्तों को ना सिर्फ आध्यात्मिक सुख मिलता है अपितु ऐसा मानसिक सुख महसूस करता है जैसे उसमे एक दैवीय शक्ति का संचार उसमे हो रहा हो।
श्री बालाजी महाराज घाटा मेहंदीपुर मे सुबह होने वाली मंगला की आरती के बाद से ही संध्या की आरती तक बालाजी महाराज के दर्शन हर भक्त के लिए खुले रहते हैं। बालाजी के लिए हर रोज छप्पन भोग की झांकी सजाई जाती है।
देवशयनी एकादशी क्या है, इसे कब, क्यों और कैसे करें? जानिए इसकी पूरी कहानी। भारत वर्ष मे लोग देव सयानी एकादशी, योगिनी एकादशी, देव सोनी ग्यारस, देवउठनी एकादशी, हरिशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी आदि मिलते जुलते नामों से इसको जानना समझना चाहते हैं।enter link description here
आज जिस विषय पर हम चर्चा करेंगे वो है कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष क्या है? सभी शुभ कार्य शुक्ल पक्ष मे किए जाते हैं। किसी भी प्रकार का कार्य करने से आपके जीवन मे प्रगति आती है या आप किसी भी तरह का उपाय करते हैं या पूजा करते हैं या रत्न धारण भी करते हैं या फिर ज्योतिषीय सलाह से विवाह हेतु लड़का या लड़की देखने जाते हैं तो शुक्ल पक्ष को ही महत्व दिया जाता है।enter link description here
आज हम आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहे हैं। यह कहानी आज से 22 वर्ष पुरानी है। एक लड़की का विवाह एक छोटे से गांव में हुआ था। ये कहानी है राधा नाम की एक लड़की का। राधा की एक बड़ी बहन थी राखी। और उसका एक छोटा भाई था। राधा को सजने संवरने का बहुत शौक था। उसकी उम्र मात्र 16 वर्ष की थी। मेकअप की शौकीन राधा बहुत ही खुशबूदार क्रीम पावडर लगाया करती थी और हर वक्त इधर उधर घूमती रहती थी।
भगवान् मे आपकी आस्था हो या न हो इससे भगवान् में लोगों की अटूट आस्था कम नहीं हो जाती है। आप भगवान् को माने या न माने ईश्वर अपने चमत्कार करता रहता है और सृष्टि उसी के अनुरूप चलती रहती है। खुद आप भी उसी के इशारों पर नाचते हैं। भगवान् मे आपकी श्रद्धा इस पोस्ट को पढ़कर और भी अधिक बढ़ जाएगी जब आप सुनेंगे कि कैसे एक हनुमान है जहां हर किसी ट्रेन की रफ्तार धीमी पड़ जाती है।
जानिए भूत तो दिखते हैं पर भगवान् क्यों नहीं? Why Can We See Ghost But Not God? आज हम एक ऐसे शीर्षक को लेकर आए हैं जो आप एक बार जरूर सोचते होंगे कि भूत प्रेत और पिशाच तो हमे दिखते हैं लेकिन भगवान् क्यों नहीं दिखते ? ऐसा क्यों है? यह एक ऐसा logic है जिसे समझने मे विज्ञान भी कामयाब नहीं हो पाया है।
जानिए श्री हनुमान चालीसा के जन्म और उत्पत्ति की कहानी मेहंदीपुर बालाजी ब्लॉग पर – ॥श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमनु मुकुरु सुधारि, बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि, बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार, बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
पुष्कर (Pushkar) का अर्थ है हिरण्यगर्भ कमल अर्थात् स्वर्ण अंडे से युक्त कमल। इसीलिए पुष्कर को आदि प्रारम्भिक तीर्थ भी कहा गया है। सम्पूर्ण जगत में ब्रह्मा जी का केवल ये एकमात्र मंदिर है। श्री ब्रह्म पुष्कर तीर्थ सब तीर्थों का गुरु माना जाता है।
Mehandipur Balaji Blog Website
आखिर क्यों क्रोधित हनुमान के लिए श्री कृष्ण को बनना पड़ा श्री राम? भक्तों, आज जो मै आपको घटना सुनाने जा रहा हूं वो उस समय की है जब भगवान् श्री कृष्ण को हनुमान जी के भयानक क्रोध को शांत करने के लिए प्रभु श्री राम का रूप धारण करना पड़ा था। यही नहीं श्री कृष्ण जी की पत्नी रुक्मणी को माँ सीता बन कर हनुमान जी को अपने दर्शन देने पड़े थे।
क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी कहां रहते हैं अपने साक्षात रूप मे ?
मेहंदीपुर बालाजी में सिंह रूपी हनुमान मन्दिर जिसे शेर रूपी बालाजी मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर के बारे में अधिकांश लोग अपरिचित हैं। लेकिन इस मन्दिर की प्रसिद्धि दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है।
क्या आप भी गए हैं मेहंदीपुर मे स्थित इस शेर रूपी बालाजी मंदिर में?
भक्तों मांसाहार पुण्य है या पाप? आज इस सन्दर्भ में हम आपको एक कथा सुनाने जा रहे हैं। यह बात उन दिनों की है जब भगवान् श्री कृष्ण अपने बालपन मे थे। एक बार जब श्री कृष्ण एक पेड़ के नीचे बैठे बांसुरी बजा रहे थे उसी तरह एक हिरण दौड़ता चला आया और उनके पीछे जाकर छुप गया।
मांसाहार पुण्य है या पाप? जानिए गरुड़ पुराण क्या कहता है?
कोलकाता जहां हुगली नदी के किनारे है ऐसा धाम जहां भगवान् राम और लक्ष्मण की रक्षा के लिए पवन पुत्र हनुमान जी महाराज ने धरा पंचमुखी रूप। गंगा की पावन धारा जो कोलकाता में जाकर हुगली तक जाती है और इसी हुगली नदी के किनारे हावड़ा ब्रिज को पार करते ही दर्शन होते हैं बजरंग बली के एक ऐसे रूप के जिसमें बसते हैं भक्तों के प्राण।
श्री पंचमुखी हनुमान जी प्राचीन मंदिर, राजा कटरा, कोलकाता
करमनघाट हनुमान मंदिर हैदराबाद – यहां सिपाही बनकर खड़े हैं बजरंग बली॥ भक्तों आज हम आपको ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां हनुमान जी सिपाही बनकर खड़े हैं। और बताएंगे कि करमनघाट हनुमान मंदिर कहां है, इसकी कहानी व इतिहास क्या है साथ ही क्यों हैरान करता है इस मंदिर का विधान? आपको यह भी बताएंगे कि क्यों यहां सिपाही बनकर खड़े हैं वीरवर हनुमान।
करमनघाट हनुमान मंदिर हैदराबाद – यहां सिपाही बनकर खड़े हैं बजरंग बली
[श्री मायापती हनुमान मंदिर उज्जैन](https://www.jsbjm.org/shri-mayapati-hanuman-mandir-ujjain/
), यहां बजरंग बली निःसंतानो की झोली भर देते हैं। उज्जैन जहां हनुमान जी ने एक राक्षस की माया को जानकर उसका वध ही नहीं किया बल्कि बजरंग बली कहलाए मायापती हनुमान। क्षिप्रा नदी के तट पर बसा शहर उज्जैन – राजा विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी और कालिदास की नगरी कही जाने वाली धार्मिक स्थली उज्जैन।
रामायण की पुस्तक किष्किंधा काण्ड के 67 अध्यायों मे से अध्याय पांच से लेकर छब्बीस तक ही बाली का वर्णन किया गया है। फिर भी रामायण में बाली की मुख्य भूमिका रही है विशेषकर उसके वध को लेकर।
हनुमान जी और बाली के युद्ध की कहानी
Jaipur To Mehandipur Balaji By Bus, RSRTC, Train, Cab, Taxi :- इस पोस्ट के माध्यम से आज हम जानेंगे कि जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी कितनी है? कितना समय लगता है यहां पहुंचने में और Rsrtc की रोडवेज बस, प्राइवेट टूर आपरेटर्स, बस टाइमिंग, कैब, टैक्सी, ट्रेन टाईम टेबल की पूरी जानकारी ताकि आपको बालाजी महाराज की यात्रा करने मे कोई दिक्कत न हो सके।
Dausa To Mehandipur Balaji By Bus, RSRTC, Train, Cab, Taxi :- इस पोस्ट के माध्यम से आज हम जानेंगे कि दौसा से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी कितनी है? कितना समय लगता है यहां पहुंचने में और Rsrtc की रोडवेज बस, प्राइवेट टूर आपरेटर्स, बस टाइमिंग, कैब, टैक्सी, ट्रेन टाईम टेबल की पूरी जानकारी ताकि आपको बालाजी महाराज की यात्रा करने मे कोई दिक्कत न हो सके।
भक्तों, आज हम आपको मेहंदीपुर बालाजी में स्थित तीन पहाड़ी मंदिर मेहंदीपुर बालाजी के बारे में बताएंगे। इसे बालाजी में तीन पहाड़ भी कहते हैं। असल मे तीन पहाड़ी मंदिर सिर्फ एक ही मंदिर नहीं है बल्कि बालाजी मंदिर के ठीक सामने कुछ पहाड़ियां है जिन्हें क्रमशः एक पहाड़ी, दो पहाड़ी और तीन पहाड़ी कहा जाता है। प्रत्येक पहाड़ी पर कई मंदिर बने हुए हैं जो कि अति प्राचीन भी हैं। आज हम इसी तीनों पहाड़ियों पर स्थित मंदिरों के बारे में बताएंगे।
हनुमान चालीसा की महिमा, पढ़ने के नियम, विशेष प्रयोग और खास बातें। बजरंग बली जी की महिमा अपरंपार है और इनकी शक्ति का कोई सानी नहीं है। राम भक्त हनुमान जी की आराधना से हर मुश्किल आसान हो जाती है। अगर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यकीन मानिए आपकी हर परेशानी दूर हो जाएगी। आज हम इसी पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि हनुमान चालीसा के चमत्कार।