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Sheetala Ashtami is a holy one-day event. Sheetala also spelled as Sheetla or Sitala refers to the divine mother Goddess Sheetala, a deity from the ancient times, and also mentioned in the Skanda Purana. Ashtami is the auspicious day.
जातक की कुंडली में शनि और चंद्रमा का संयोग बेहद कष्टकारी माना जाता है। शनि की धीमी प्रकृति है और चंद्रमा अपनी द्रुत गति के लिए विख्यात। किंतु शनि क्षमताशील होने की वजह अक्सर चंद्रमा को प्रताड़ित करता है। कुंडली में यदि शनि चंद्र एक साथ 1 या 8 या 11 में हो तो जातक के जीवन में क्या क्या अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं l
होली का त्यौहार भारतीय पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के पूर्णिमा के दिन दिन मनाया जाता है जो अँग्रेजी कलेंडर के हिसाब से ( फरवरी या मार्च ) मे पड़ती है l इस वर्ष होली 21 मार्च 2019 को मनाई जाएगी l
जीवन अगर यह जानना है की क्या सत्य है और क्या झूठ तो सबसे पहले इसको परखना सीखों इसके बाद उसके निर्णय तक पहुचो अन्यथा आप भी इस दुविधा का शिकार हो सकते है l
अगर आप जीवन मे दान ही करना चाहते है तो अन्न का दान करें क्योंकि इससे बड़ा दुनिया में कोई दूसरा दान ही नहीं होता है l जब आप किसी को भोजन करा रहे होते है या फिर किसी को अन्न का दान कर रहे होते है तब आप सिर्फ उस व्यक्ति की भूख की तृप्ति नहीं बल्कि उस परमात्मा को संतुष्ट कर कहे होते है
भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के पर्व महाशिवरात्रि का अद्भतु संयोग इस शिवरात्रि पर बना रहा है l पिछले चार वर्षो के बाद इस बार महाशिवरात्रि सोमवार के दिन ही पड़ रही है जो की भगवान शिव का सबसे प्रिय दिवस है l यह महा संयोग आने वाले 12 वर्षो तक नहीं बनेगा l
ज्योतिष विज्ञान को सरल शब्दों में कहा जाये तो यह बहुत बड़ा विज्ञान है जो नक्षत्रो, आकाश पिण्डों और सितारों के माध्यम से मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में विभिन्न गणनाओ और विभिन्न समीकरणों द्वारा पहले ही हर हालत को जान लेने की विधि है। अंग्रेजी में एस्ट्रोलॉजी (Astrology) शब्द से ज्योतिष विज्ञान को समझे तो Astro का मतलब है सितारे और Logy का मतलब है अध्ययन करना यानी Astrology के माध्यम से ही सितारों की चाल जानकर मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जा सकता है।
भारतीय संस्कृति के अप्रतिम ग्रंथों में तथा शास्त्रों और पुराणों में शक्ति की उपासना अर्थात दस महा विधयों की साधना और उपासना का विशेष महत्त्व है। शक्ति के विभिन रूप है जैसे- माँ दुर्गा, माँ काली। सच मे तो सभी देवीयाँ एक ही है। आद्याशक्ति कोध्र मे है तो काली, तारा और अगर ज्यादा कोध्र मे है तो धूमावती का स्वरूप है। इस प्रकार दयाभाव के भी विभिन्न स्वरुप है, जैसे प्रेम और पोषण करते समय भुवनेश्वरी, मातंगी और महालक्ष्मी कहलाती है। इसी प्रकार से शक्ति साधना में दस महाविद्याओं की उपासना होती है। यह सब महाविद्याएं ज्ञान, शक्ति भक्ति और मनवांछित फल प्रदान करने के लिए जानी जाती है।
भारतीय इतिहास की जानकारी के अनुसार शहीद भगत सिंह जी का जन्म जन्म: 28 सितम्बर 1907 में पंजाब प्रांत के लायलपुर के बंगा नामक एक गाँव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है l कुछ लोगों ने इनके
भारतीय वैदिक पंचांग के अनुसार ग्यारहवें महीने को माघ महीने के नाम से जानते है और इस माह की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहते है, जो वर्ष 2019 में 19 फरवरी, दिन मंगलवार को पड़ने जा रही है l पुराणों के
भारतीय हिन्दू पंचांग की वैदिक तिथि के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। इस एकादशी के उपवास से मनुष्य भूत, प्रेत, पिशाच आदि की योनि से छूट जाता है l इस बार यह एकादशी 16 फरवरी दिन शनिवार को पड़ेगी l प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार एक बार देव राज इंद्र नन्दन नाम के जंगल में घूम रहे थे, इस नन्दन वन में काफी खुशी का माहौल बना हुआ था मानो जैसी किसी का विवाह सम्पन्न हो रहा हो l गांधर्व गा रहे थे और गंधर्व कन्याएं नृत्य कर रही थीं।
ब्रह्मा ने देवी से वीणा बजाने का अनुरोध किया l जैसे ही देवी ने वीणा बजाना शुरू किया, पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई l संसार के जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई l तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा l मां सरस्वती विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं l बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी, इसलिए बसन्त पंचमी के दिन इनका जन्मदिन मनाया जाता है l मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है और विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है l
वेलेंटाइन डे को भारत सहित पूरे विश्व में प्रेम के पर्व के रूप में मनाया जाने वाला एक उत्सव के रूप में उभर कर आने वाला पर्व बन चुका है l कुछ लोग इस पर्व की निंदा जरूर करते है पर आज के युग में जो युवा वर्ग है, वो इस प्रेम पर्व को बड़े से अच्छे ढंग से सेलेब्रेट करते है l हर वर्ष “14 फरवरी को वैलेंटाइन डे” के रूप में मानते है। यह वह दिन होता है जब प्रेम करने वाले जोड़े एक दूसरों को अपने प्यार का इजहार करते हैं। साथ ही लंबे वक्त तक एक दूसरे का साथ निभाने का वादा करते है।
मंगल दोष जन्म कुंडली का एक प्रकार का दोष है जो मंगल ग्रह की स्थिति के कारण निर्मित होता है l जब किसी जातक की जन्म कुण्डली में लग्न (प्रथम) भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव में मंगल स्थित हो, तब कुण्डली में मंगल दोष माना जाता है।
यह भारतीय कथा महाभारत और भागवत गीता से ली गयी है । इस लोक कथा का हिन्दू धर्म में बहुत जगह पर जिक्र मिलता है। यह कथा एक कौवे और उसके मित्र गरुण की है l एक बार एक कौवे की गरूड़ से दोस्ती हो गई। दोनों काफी समय साथ गुजारते थे। उनमें मित्रता इतनी गहरी हो गई थी कि आपस में कभी कोई बात नहीं छिपाते थे। एक दिन दोनों एक नदी के किनारे पेड़ पर बैठे बात कर रहे थे तभी एक यमदूत उधर से गुजरा। वो कौवे को देख कर मुस्कुराया।
भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ का महीना पवित्र और पावन होता है इस मास में व्रत और तप का बड़ा ही महत्व है। इस माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षट्तिला कहते हैं, जो वर्ष 2019 में 31 जनवरी को मनाई जाएगी l षट्तिला एकादशी के दिन मनुष्य को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखना चाहिए। षट्तिला एकादशी के दिन मनुष्य को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखना चाहिए। पद्म पुराण के अनुसार, इस दिन उपवास करके तिलों से ही स्नान, दान, तर्पण और पूजा की जाती है।
ज्योतिष की धारणा के अनुसार जातक के द्वारा अगर पूर्व जन्म में अपनी बुजुर्गो या फिर माता-पिता की अवहेलना की गई हो तो ऐसे जातकों को अपने जीवन में पितृ दोष का सामना करना पड़ता है l पितृ दोष और पितृ ऋण लगभग एक ही है l अगर अपने पूर्व जन्म में अपने दायित्वों का ठीक तरीके से पालन न किया हो, अपने अधिकारों और शक्तियों का दुरूपयोग किया गया किया हो, तो इन सब चीजों का असर आपके वर्तमान जीवन पर पड़ता है, और इसी को हम पितृ दोष कहते है l
स्वामी विवेकानंदजी वर्तमान समाज के एक विराट चिंतक, महान देशभक्त, दार्शनिक, युवा संन्यासी, युवाओं के प्रेरणास्रोत और एक आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। भारतीय नवजागरण का अग्रदूत यदि स्वामी विवेकानंद को कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। 'विवेकानंद' दो शब्दों द्वारा बना है। विवेक+आनंद। 'विवेक' संस्कृत मूल का शब्द है। 'विवेक' का अर्थ होता है बुद्धि और 'आनंद' का शाब्दिक अर्थ होता है- खुशियां। स्वामी विवेकानंदजी का जन्म दिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 12 जनवरी को मनाया जाता है।
भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार सकट चौथ का व्रत माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत 2019 के जनवरी माह की 24 तारीख को पड़ेगा । यह व्रत स्त्रियां अपने संतान की दीर्घायु और सफलता के लिये करती है। इस व्रत के प्रभाव से संतान को रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है तथा उनके जीवन में आने वाली सभी विघ्न –बाधायें गणेश जी दूर कर देते है।
भारतीय पूजा पद्धति के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा का बहुत ही खास महत्व होता है क्योकि इस पूर्णिमा को मोक्षदयानि पूर्णिमा भी कहते है l पूर्णिमा यानि हिंदू कैलेंडर की 15वीं और शुक्लपक्ष
भारतीय गणतन्त्र में पर्व मनाने के पीछे कोई न कोई खास वजह जरूर होती है, फिर चाहे वो राष्ट्रीय पर्व हो या फिर सांस्कृतिक पर्व हो, सांस्कृतिक पर्वों का संबंध धर्म तथा संस्कृति से होता है, जैसे- होली, ईद, क्रिसमस
भारतीय पंचांग के अनुसार वर्ष 2019 का पहला चन्द्र ग्रहण 21 जनवरी को लगने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार इसका असर सभी जातकों पर राशि अनुसार अलग-अलग पड़ेगा और दूसरी ओर हमारे वैज्ञानिक
हमारे भारत वर्ष में अनादि काल से ही कुछ रीति-रिवाज और परंपराएँ प्रचलन मे थी और आज भी है l उन्हीं मे से एक है बुरी नज़र जो की इंसान के हर क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर देती है l जब कोई व्यक्ति तरक्की
भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व यानि की 13 जनवरी को बड़े ही धूम-धाम और हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाता है l इस पर्व अधिकतर पंजाब प्रांत, हरियाणा, हिमाचल और कश्मीर मे विशेष रूप से मनाया जाता है l वर्ष की सभी ऋतुओं पतझड, सावन और बसंत में कई तरह के छोटे-बड़े त्योहार मनाए जाते हैं, जिन में से एक प्रमुख त्योहार लोहड़ी है जो बसंत के आगमन के साथ पौष महीने की आखरी रात को मनाया जाता है। इसके अगले दिन माघ महीने की सक्रांति को माघी के रूप में मनाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन के समस्त दुखों के अंत के लिए शनिश्चरी अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष माह की स्नान-दान की अमावस्या 5 जनवरी, 2019 को है। शनिश्चरी अमावस्या का दिन शनि से संबधित परेशानियों जैसे शनि की साढे-साती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए बहुत ही अच्छा है। साथ ही इस दिन पितृ दोष आदि से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इस दिन शनिवार होने से शनिश्चरी अमावस्या है। अमावस्या तिथि विशेष प्रभाव की तिथि मानी जाती है l इस दिन स्नान, दान और पूजा उपासना का विशेष महत्व होता है l
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