Listly by vivek gupta
गंगा नदी के तट पर एक साधू अपनी पत्नी के साथ रहते थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। एक दिन साधू जब तप कर रहे थे, एक बाज वहां से गुजर रहा था और उसके पंजे में एक चुहिया फंसी हुई थी। जब बाज़ साधू के ऊपर से गुज़रा तो वह चुहिया उसके पंजो से छुटकर नीचे साधू की गोद में गिरी जिससे साधू की आँख खुल गई। घायल चुहिया को देखकर साधू को बहुत.........
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किसी गाँव में एक किसान रहता था। गाँव में सभी की फसलें अच्छी होती थीं, लेकिन उसकी फसल इतनी अच्छी नहीं होती थी। फसल अच्छी न होने के कार...
रास्ते में वह एक घने जंगल से गुजरते हैं। वहां उन्हें एक शेर का कंकाल नजर आता है। उन चारों में से एक मित्र बोलता है, “मित्रो, मैंने जो ज्ञान गुरूजी से प्राप्त किया है, उससे इस शेर के कंकाल की हड्डियों को मैं एक कर सकता हूँ।" इससे पहले कि कोई कुछ कह पाता
एक घने जंगल में एक कछुआ और दो हंस रहते थे| तीनों ही गहरे मित्र थे| तीनो का वक़्त एक-दुसरे के साथ खेलते और बात करते हुए कब बीत जाता, पता ही नहीं चलता था|
एक दिन कछुआ, हंसों से कहता है कि मित्र काश मैं भी तुम्हारी तरह उड़ पाता, काश मेरे भी पंख होते, तभी हंस......
बन्दर मन ही मन अच्छे व्यंजन के बारे में सोचने लगता है। मगरमच्छ के दिल में ये ख्याल आता है कि अब हम नदी के बीच में आ गए हैं तो बन्दर कहीं भी नहीं जा सकता। दोस्ती के फर्ज की खातिर वह बन्दर को सब-कुछ बता देता है। वह हिचकिचाते हुए बोलता है .........
थोड़ी ही देर में कड़क सिंह की आँख खुल जाती है। अपने पास चूहे को उछलकूद करते हुए देख कड़क सिंह को बहुत गुस्सा आता है। वह चूहे को अपने पंजे में पकड़ लेता है और उससे दहाड़ते हुए कहता है, "बदमाश चूहे - तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे पास उछलकूद करने की? अब मैं तुझे नहीं छोडूंगा।"
कड़क सिंह की बात सुनकर चूहा बहुत घबरा जाता है। डर के मारे उसके पसीने छुटने लगते हैं। वह कांपती हुई आवाज में कड़क सिंह को बोलता है……
मच्छर खटमल की बात सुनकर जवाब देता है कि सामने की खुली खिड़की से वह अंदर आया है। उसका जवाब सुनकर खटमल कहता है की यह राजा का शयन कक्ष है, और यहाँ आने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। मच्छर कहता हैं कि......
बहुत पुरानी बात है, किसी नगर में एक जुलाहा रहता था। वह दिन-रात कपड़े बुनकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। एक दिन जब वह कपड़े बुन रहा थ...